शेयर बायबैक क्या है? What’s Share Buyback in Hindi

शेयर बायबैक(Share Buyback) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी जानकारी शेयर मार्केट में दिलचसवी रखने वाले सभी लोगों के पास होनी चाहिए. What’s Share Buyback in Hindi। what is buyback of share। what is share buyback meaning। कंपनियां शेयर बायबैक क्यों करती हैं? डिविडेंट बनाम शेयर बायबैक, आए दिन खबरों में या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से हम शेयर बायबैक के बारें में सुनते रहते हैं की कोई कंपनी शेयर बायबैक कर रही है पर ये शेयर बायबैक क्या होता है आइए इस आर्टिकल में जानतें है.

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अनुक्रम

share buyback meaning in hindi

शेयर बायबैक क्या है? What’s Share Buyback in Hindi

शेयर बायबैक(Share Buyback) एक कॉर्पोरेट एक्शन(Corporate Action) है जिसमें कंपनियां अपने शेयर्स खुद अपने शेयर होल्डर्स(Share Holders) से वापस बाय(Buy) करती है. कंपनियां आमतौर पर बायबैक तभी करती है जब उन्हे लगता है की उनके शेयर्स की प्राइस अंडर वैल्यूड(Under Valued) है. आसान शब्दों में समझें की शेयर बायबैक क्या है तो जब कंपनियां अपने ही शेयर होल्डर्स से अपना शेयर वापस खरीदती हैं तो उसे शेयर बायबैक कहते हैं. इसे शेयर पुनर्खरीद भी कहते है.

Share Buyback Meaning in Hindi

जब भी कंपनी अपने फंडामेंटल और वैल्यूएसन को मजबूत करने या स्वामित्व को बढ़ाने के लिए अपने शेयरधारकों से शेयर की वापस खरीद करती है. उसे ही Share Buyback कहते हैं. कंपनियां अपने ही शेयर को वापस अपने शेयरधारकों से क्यों बायबैक करती हैं? आइए जानते हैं.

कंपनियां शेयर बायबैक क्यों करती हैं? Why do companies do share buybacks

कंपनियों द्वारा शेयर बायबैक करने की कई वजह हो सकती है, जो फाइनेंशियल उद्देश्यों, मार्केट स्थितियों और रणनीतिक विचारों से प्रभावित होते हैं. आगे हम कुछ कॉमन रीजन जानेंगे की आखिर कंपनियां बायबैक में क्यों शामिल होती है.

  • अंडरवैल्यूड स्टॉक (Under Valued Stock): शेयर्स के बायबैक में यह मेजर रीजन होता है, क्योंकि जब कंपनी के मैनेजमेंट को लगता है की स्टॉक अंडरवैल्यूड है तब वह स्टॉक प्राइस को सुधारने के लिए बायबैक मेथड को अपनाती है. बायबैक के बाद मार्केट में शेयरों की संख्या कम हो जाती है जिससे शेयर प्राइस बढ़ जाती है.
  • टैक्स ईफेक्टिव(Tax Effective): डिविडेंड पर कंपनी और निवेशक दोनों स्तर पर टैक्स लगाया जाता है. जबकि बायबैक में केवल कंपनी को टैक्स देना होता है, बायबैक से निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स(Capital Tax Gain) से छूट मिलती है. ऐसे में यह भी एक रीजन है शेयर्स को बायबैक करके निवेशकों को रिवार्ड देने के लिए.
  • फंडामेंटल में सुधार: जब कंपनी शेयरों को बायबैक करके कम करती है तो ईपीएस यानि अर्निंग पर शेयर को बढ़ाती है. जिससे कंपनी के अन्य फंडामेंटल रेसियो में भी सुधार होता है. जिससे कंपनी का फंडामेंटल और भी मजबूत होता है.
  • वैल्यूएसन में सुधार: जब किसी कंपनी की वैल्यूएसन कम होती है तो वह शेयरों को बायबैक करती है जिससे उसकी वैल्यूएसन में सुधार होता है. वैल्यूएसन में सुधार निवेशकों को आकर्षित करता है.
  • स्वामित्व मजबूत करने के लिए: शेयरों को बायबैक करने की एक वजह यह भी है की कंपनी अपने स्वामित्व को और भी मजबूत करना चाहती है.

शेयर बायबैक के फ़ायदे(Advantage of Share Buyback)

शेयर बायबैक से वैसे तो कई फ़ायदे हैं लेकिन हम कुछ महत्वपूर्ण और जरूरी फ़ायदे को शामिल किए हैं. जो की कुछ इस तरह से हैं.

  • शेयर बायबैक से टैक्स ईफेक्टिव, फंडामेंटल में सुधार, वैल्यूएसन में सुधार और स्वामित्व मजबूत होता है.
  • बायबैक से शेयरों की कमी होने की वजह से शेयर प्राइस में वृद्धि होती है.
  • इसके साथ बायबैक से शेयरों की कमी से ईपीएस में भी वृद्धि होती है.
  • शेयर्स बायबैक से कंपनी के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ता है.

शेयर बायबैक से नुकसान Disadvantage of Share Buyback)

शेयर बायबैक के कुछ नुकसान भी है जो की इस प्रकार से है.

  • शेयर बायबैक की सबसे बड़ी कमी यह है की यह कंपनी की वैल्यूएसन का गलत अनुमान भी दे सकती है जिससे फ्यूचर में परेशानी हो सकती है.
  • शेयर बायबैक से शेयरों में कमी की वजह से कई बार निवेशकों में गलत धाणनाएं बैठ जाती है. क्योंकि शेयर में कमी की वजह से शेयर प्राइस अचानक बढ़ जाती है. जो निवेशकों लालची बना देता है.
  • शेयर प्राइस में अचानक वृद्धि की वजह से फंडामेंटल रेसियो पर भी असर पड़ता है जो निवेशकों और ट्रेडर्स में गलत संकेत भी दे सकता है.

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शेयर बायबैक और डिविडेंड में अंतर-Share Buyback vs Dividend in Hindi

शेयर बायबैक और डिविडेंड में क्या अंतर है? यानि Share Buyback vs Dividend in Hindi में कुछ महत्वपूर्ण और जरूरी अंतर को शामिल किया गया है. आइए जानते है.

  • जब कोई कंपनी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड का निर्णय लेते है तो शेयरों की कुल संख्या में कोई बदलाव नहीं होता है. जबकि शेयर बायबैक के लिए बकाया शेयरों की कुल संख्या में कमी आती है.
  • डिविडेंड कई तरह के होते हैं जैसे-रेगुलर, एनुअल, स्पेशल या वन-टाइम डिविडेंड जबकि शेयर बायबैक को विभिन्न प्रकार में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता.
  • डिविडेंड और शेयर बायबैक दोनों ही कंपनियों के लिए शेयरधारकों को रिटर्न वैल्यू के तरीके हैं.
  • निवेशकों की अलग-अलग प्राथमिकताएँ हो सकती हैं; जो लोग इनकम की तलाश में हैं वे डिविडेंड का साइड ले सकते हैं, जबकि पूंजी वृद्धि की तलाश करने वाले अन्य लोग शेयर बायबैक को प्राथमिकता दे सकते हैं.
  • डिविडेंड और कैपिटल गेन (शेयर बायबैक के परिणामस्वरूप) का टैक्स ट्रीटमेंट अलग-अलग हो सकता है, जो निवेशकों की प्राथमिकताओं को प्रभावित करता है.

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Share Buyback Meaning in Hindi

शेयर बायबैक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई कंपनी मार्केट से अपने शेयरों को वापस खरीदती है जिसे शेयर बायबैक या शेयर पुनर्खरीद कहते है.

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