नवरत्न कंपनियां- Navratna Companies in India 2024

भारत में नवरत्न कंपनियां(Navratna Companies in India) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का एक ग्रुप हैं जिनके पास केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना 1000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की फाइनेंशियल आटोनॉमी(Financial Autonomy) है. नवरत्न का दर्जा पहली बार 1997 में 9 सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (पीएसई) के एक समूह को दिया गया था.

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अनुक्रम

नवरत्न कंपनियों की लिस्ट(Navratna Companies List) में अभी जल्द में ही दो अन्य कंपनियों को शामिल किया गया है. जिसको लेकर आगे हम बात करेंगे, ऐसे में भारत की नवरत्न कंपनियो(Navratna Companies in India Hindi) के बारे में जानने से पहले नवरत्न कंपनियां क्या होती है(What are Navratna Companies) को जानना जरूरी है. इसके साथ नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल होने के लिए किसी कंपनी के पास क्या क्राइटेरिया होनी चाहिए जानते हैं.

नवरत्न कंपनियां क्या होती है- What are Navratna Companies?

नवरत्न कंपनियां सेंट्रल पब्लिक सेक्टर की अंडरटेकिंग वे कंपनियां होती है जिसमें सरकार की 51% या उससे अधिक हिस्सेदारी होती है. दूसरे शब्दों में समझें तो नवरत्न कंपनियां, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) की एक कैटेगरी हैं. इन कंपनियों को केंद्र सरकार की मंज़ूरी के बिना 1,000 करोड़ रुपये या फिर उनके नेट वैल्यू का 15% तक निवेश करने की अनुमति होती है वर्तमान में, भारत में 16 नवरत्न कंपनियां(16 Navratna Companies in India) हैं.

भारत में पहले 14 कंपनियों की संख्या होती है, साल 2023 में, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने रेलवे से जुड़ी दो कंपनियों राइट्स लिमिटेड (RITES Ltd) और इरकॉन (IRCON) को भी नवरत्न कंपनी का दर्जा दिया. जिसके बाद, जिसके बाद नवरत्न कंपनियां बढ़कर 16 हो गई. कंपनियों को नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने के लिए निम्न क्राइटेरिया से गुजरना पड़ता है.

  • इसके साथ तीन सालों कंपनी की एनुअल टर्नओवर, नेट प्रॉफ़िट और नेटवर्थ कन्सिस्टन्ट होना चाहिये.
  • कंपनी को कम से कम तीन सालों मिनीरत्न कैटेगरी-1 इंटरप्राइस में होना चाहिए.
  • 3 सालों में कंपनी प्रॉफ़िट में हो.
  • कंपनी सिग्निफ़िकेन्ट ग्लोबल प्रजेन्स या फिर इन्टरनैशनल ऑपरेशन्स में शामिल हो.
  • कंपनी के पास Department of Public Enterprises (DPE) सैटिसफ़ाई रेटिंग होनी चाहिए.

भारत की नवरत्न कंपनियां

भारत की नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड, नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के साथ टोटल 18 कंपनियां शामिल है.

Navratna Companies in India Hindi

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल)

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भारत सरकार की ऑनरशिप की एक कंपनी है जो एयरोस्पेस और डिफेन्स इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में काम करती है. यह मुख्य रूप से एयरोस्पेस के लिए एडवांस इलेक्ट्रानिक्स प्रोडक्टस की मैन्युफैक्चरिंग करती है. BEL भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत सोलह सार्वजनिक उपक्रमों में से एक है.

भारत सरकार द्वारा इसे नवरत्न का दर्जा दिया गया है. कंपनी की स्थापना 1954 में हुई थी, इसके साथ सरकार की इसमें 51.14% हिस्सेदारी है, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का मार्केट कैप 1.57 लाख करोड़ रुपए है.

कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(कॉनकॉर)

कॉनकॉर एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग है जो कंटेनरों के परिवहन, रेल कंटेनर, पोर्ट्स मैनेजमेंट के काम में लगी हुई है. कंपनी की स्थापना 1988 में हुई थी. यह एक नवरत्न कंपनी है. इसके साथ कॉनकॉर में गवर्नमेंट की 54.8% हिस्सेदारी है, इस समय कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड का मार्केट कैप 58.68 हजार करोड रुपए है.

इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड(ईआईएल)

इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड एक इंडियन सेंट्रल पब्लिक सेक्टर की इंजीनियर्स कंसल्टेंसी और टेक्नोलॉजी लाइसेंसिंग कंपनी है. इसकी स्थापना 1965 में हुई थी और नवरत्न का दर्जा 2014 में मिला था. कंपनी पेट्रोलियम रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स, रसायन और उर्वरक, कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और गैस पाइपलाइन, माइनिंग न्यूक्लीर पॉवर, गैस प्रोसेसिंग स्टेशन इत्यादि जैसे प्रमुख बिजनेस में इंजीनियरिंग परामर्श सर्विसेज़ प्रदान करती है. इसमें गवर्नमेंट की 51.32% हिस्सेदारी है. ईआईएल मार्केट कैप 12.68 हजार करोड़ रुपए है.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल)

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एयरोस्पेस और डिफेन्स कंपनी है. नवरत्न का दर्जा प्राप्त एचएएल 1940 में स्थापित हुई दुनियाँ की सबसे पुरानी और बड़ी कंपनी है जो एयरोस्पेस और डिफेन्स क्षेत्र की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. यह ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, फाइटर एयरक्राफ्ट, ट्रैनर एयरक्राफ्ट, हेलीकोपटर्स प्रोडक्टस बनाती है. कंपनी में गवर्नमेंट की 75.15% हिस्सेदारी है. HAL का मार्केट कैप 2.22 लाख करोड़ रुपए है.

महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड(एमटीएनएल)

महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड नवरत्न कैटेगरी की एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स नवरत्न कंपनी है जो डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्यूनिकेशन्स, मिनिस्ट्री ऑफ़ कम्यूनिकेशन और गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के ओनरशिप में काम करती है. कंपनी टेलीकम्यूनिकेशन्स में मोबाईल टेलीफोनी, डिजिटल टेलीविजन, ब्रॉडबैंड इत्यादि का काम करती है. इसकी शुरुआत 1986 में हुई थी और इसमें सरकार की 100% हिस्सेदारी है. एमटीएनएल का मार्केट कैप 2.55 हजार करोड़ रुपए है.

नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड(नालको)

नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड 1981 में शुरू हुई एक इंडियन सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो माइनिंग, मेटल और पॉवर का संचालन करती है. जिसमें विंड पॉवर, सोलर पॉवर, पोर्ट फैकल्टीज शामिल है. इसमें सरकार की 51.50% हिस्सेदारी है और कंपनी पर मिनिस्ट्री ऑफ़ माइन्स का कंट्रोल है, सरकार ने इसे नवरत्न का दर्जा दिया है. साथ में इसका मार्केट कैप 29.94 हजार करोड़ रुपए है.

नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड(एनबीसीसी)

एनबीसीसी भी एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउज़िंग एंड अर्बन अफेयर्स और गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के अंतर्गत आती है. कंपनी सरकारी संपत्तियों का पुनर्विकास जैसे- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग, कन्स्ट्रक्शन, रियल एस्टेट डेवलपमेंट करती है. इसकी स्थापना 1960 में हुई थी. भारत के नवरत्न कंपनियों में शामिल इस कंपनी में गवर्नमेंट की 62% हिस्सेदारी है. एनबीसीसी का मार्केट कैप 22.91 हजार करोड़ रुपए है.

नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड(एनएलसी)

नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो मिनिस्ट्री ऑफ़ कोल और गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करती है. कंपनी माइनिंग और इलेक्ट्रिक यूटिलिटी के क्षेत्र में काम करती है. इसकी स्थापना 1956 में उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी. नवरत्न कंपनियों की दर्जा प्राप्त इस कंपनी में गवर्नमेंट की 79.2% हिस्सेदारी है. एनएलसी का मार्केट कैप 30.24 हजार करोड़ रुपए है.

एनएमडीसी लिमिटेड

National Mineral Development Corporation यानि एनएमडीसी लिमिटेड इंडियन पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो आयरन अयस्क, कॉपर, जिप्सम, हीरा, टिन, कोयला, ग्रेफ़ाइट की माइनिंग में शामिल है. नवरत्न का दर्जा प्राप्त इस कंपनी की स्थापना 1958 में हुई थी. इस समय एनएमडीसी लिमिटेड में गवर्नमेंट की 60.69% हिस्सेदारी है. इसके साथ इसका मार्केट कैप 69.98 हजार करोड़ रुपए है.

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड(आरआईएनएल)

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो मिनिस्ट्री ऑफ स्टील और गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के अंडर आती है. यह स्टील और आयरन के क्षेत्र में काम कार्ति है जिसका विशाखापटनम में स्टील प्लांट है. इसकी स्थापना 1982 में हुई थी और इसे 2010 में नवरत्न का दर्जा प्राप्त है. कंपनी में गवर्नमेंट की 100% हिस्सेदारी है.

शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(एससीआई)

शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड भी एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ़ पोर्ट्स और शिपिंग एंड वाटरवेस के ओनरशिप में काम करती है. कंपनी नैशनल और इंटरनेशनल दोनों लाइनों पर सर्विसेज़ देने वाले जहाजों का संचालन और प्रबंधन करती है. नवरत्न का दर्जा प्राप्त यह 1961 में हुई थी और इस समय इसमें गवर्नमेंट की 63.75% हिस्सेदारी है. एससीआई का मार्केट कैप 10.62 हजार करोड़ रुपए है.

रेल विकास निगम लिमिटेड(आरवीएनएल)

रेल विकास निगम लिमिटेड की स्थापना 2003 में हुई थी जो की एक सेंट्रल पब्लिक अंडरटेकिंग कंपनी है. आरवीएनएल मिनिस्ट्री ऑफ़ रेलवे के प्रोजेक्ट जैसे- ट्रांसपोर्टेसन इन्फ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए काम करती है. जितने भी रेलवे प्लेटफॉर्म या फ्लाइओवर और इंफ्रा का काम होता है रेल विकास निगम ही करता है. कंपनी नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल है और गवर्नमेंट की इसमें 78.20% हिस्सेदारी है. इसके साथ आरवीएनएल का मार्केट कैप 49.63 हजार करोड़ रुपए है.

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस की स्वामित्व की एक सेंट्रल पब्लिक अंडरटेकिंग कंपनी है जिसकी स्थापना 1956 में हुई थी, यह सरकार के स्वामित्व की सबसे बड़ी ऑयल और गैस प्रोड्यूसर कंपनी है. कंपनी को नवरत्न का दर्जा मिला है, इसमें गवर्नमेंट की 58.89% है. ओएनजीसी का मार्केट कैप 3.50 लाख करोड़ रुपए है.

राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड(आरसीएफ)

आरसीएफ को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ़ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स कंट्रोल करती है. यह सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो केमिकल और फर्टिलाइजर्स प्रड्यूस करती है. कंपनी सरकार स्वामित्व की 4वीं बड़ी फर्टिलाइजर्स प्रड्यूसर है. इसकी स्थापना 1978 में हुई थी, नवरत्न का दर्जा प्राप्त इस कंपनी में सरकार की 75% हिस्सेदारी है और RCF का मार्केट कैप 7.76 हजार करोड़ रुपए है.

इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड

इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड एक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो इंजीनियरिंग, कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है. कंपनी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग है इसकी स्थापना 1976 में हुई थी. इसमें सरकार 89.18% हिस्सेदारी है. इस नवरत्न कंपनी का मार्केट कैप 21 हजार करोड़ रुपए है.

आरआईटीईएस लिमिटेड

आरआईटीईएस यानि रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड एक नवरत्न सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जो मिनिस्ट्री ऑफ़ रेलवे के अंतर्गत काम करती है इसके साथ यह ट्रांसपोर्ट कंसल्टेंसी और इंजीनियरिंग सेक्टर की लिडिंग प्लेयर है. और रेलवे, राजमार्ग, अर्बन इंजीनियरिंग (मेट्रो) और स्थिरता, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रोपवे, संस्थागत जैसे कई सेक्टर्स में सर्विसेज़ के क्षेत्र में कार्यरत है. आरआईटीईएस की स्थापना 1974 में हुई थी, और इसका मार्केट कैप 17.75 हजार करोड़ रुपए है.

नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड

नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड यानि एनएफएल एक इंडियन पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी, सरकार की स्वामित्व में चलने वाली इस फर्टिलाइजर्स कंपनी को हाल में नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त हुआ, इसमें सरकर की 74.71% हिस्सेदारी है, कंपनी देश की सबसे बड़ी यूरिया उत्पादक सरकारी कंपनी है. इसका मार्केट कैप 5.19 हजार करोड़ रुपए है.

इरेडा लिमिटेड

इरेडा यानि इंडियन रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड एक इंडियन पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है, जो एनर्जी सेक्टर की कंपनियों को प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंशियल के साथ अन्य सेवाएं प्रदान करती है। इसकी स्थापना 1987 में हुई थी, इरेडा पहले मिनीरत्न श्रेणी-1 की कैटेगरी में आती थी लेकिन हाल ही में इसे नवरत्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल कर दिया गया है । इसमें सरकार की 74% स्टेक होल्डिंग है. इसका मार्केट कैप 48.76 हजार करोड़ रुपए है.

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निष्कर्ष-

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने Navratna Companies in India Hindi के बारे में जाना, आपको बता दें की नवरत्न कंपनियां में नवरत्न शब्द संस्कृत से लिया गया है. जैसे अकबर के दरबार में नवरत्न होते थे वैसे ही भारत में भारत सरकार कुछ अच्छी कंपनियों को नवरत्न का दर्जा दिया है.

How Many Navratna Companies in India

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भारत में नवरत्न कंपनियां कितनी है?

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